परिचय –
परिचय की बात करे तो आप ने कही न कही सुना ही होगा अनुलोम विलोम के बारे में , में आप को बता दू अनुलोम का मतलब सीधा होता है । और विलोम का मतलब उल्टा होता है । सीधा का मतलब है नक् का दया छिद्र और उल्टा का मतलब नक् का बया छिद्र होता है ।
अनुलोम विलोम करते कैसे है , जैसे की आप नक् के दये छिद्र से साँस को अंदर लेते है और बाये नक् से साँस को बाहर छोड़ते है आप चाहे तो दये नक् के बजाय बाये नक् से साँस को अंदर ले सकते है आप को बाये नक् से साँस को अंदर लेना और जस्ट आप को ढाये नक् से बहार छोड़ना है । योग सरीर के लिए बहुत ही फयदे मंद होती है अगर आप इस को अपने डेली रोटीने में समिले कर लेते है ,
तो आप की बहुत से छोटी बीमारी आयी है वे सभी टिक हो जाती है इस योग को करने से आप के सरीर में सकरतम ऊर्जा उत्पन्य है अनुलोम विलोम रोज करने से आप के साँस की कोई भी बीमारी नहीं होती है आप के मंद भी रिलेक्स रहता है और आप हमेशा ही सवस्थ रहते है ।
अनुलोम विलोम क्या है
देखिये ,अनुलोम विलोम क्या है ये में आप को बता देता हु , जैसे की आप अगर रोज अनुलोम विलोम करते है तो आप को पता ही चल जायेगा की ये क्या होता है ये एसि पर्किर्या है जिससे आप साँस को अंदर लेते है और साँस को खुट देर के लिए अंदर रखते है उसके बाद साँस को बहार छोड़ते है
इसे ही अनुलोम विलोम कहते है ये आप के सॉस को बेहतर बनता है आप को अछि लाइफ जीने के ढंग में ले जाता है , ज्यादा तर एक्सपर्ट ने बताया है की , इसको आप हमेश ही खली पेट करना चाहिए कियोको आप जब खुश नहीं कहते है तो आप के पेट में सॉस अचे से बहार और अंदर आता है अगर आप को जुखाम हो तो आप को ये योग से थोड़ा दूर रहना है कियोकि अनुलोम विलिम का मतलब ही होता है साँस को अंदर बाहर लेना ।
अनुलोम विलोम के बारे पता है आप को
अनुलोम विलोम के बारे में , अनुलोम विलोम एक एसि पर्किर्या है जो आप के मंद और फेस को सवस्थ रखता है , ऐसे करे इस योग को आप पहले एक मात जमीं पर बिछाय ले और अपने आशा पाश सफाई बनकर रखना है जिससे आप को एक स्वस्थ हवा प्रप्थ हो आप को सफाई पर ज्यादा दयँ देना
कियोकि इस परकीया में आप को हवा अच्छा चाहिए , जब आप इस योग को स्टार्ट करे तो आप को पहले आराम से साँस को अंदर लें फिर आराम से साँस को बहरे चोदे आप को शुरुआत में इस परकीया को अफ्ले काम टाइम में करना है उसके बाद आप को इस को धीरे धीरे टाइम बढ़ाते जाना है और कुछ दिन में इसका असर आप को दिखाई देने लगता है और आप बॉडी के लेवल एक दम सही हो जाते है
अनुलोम विलोम करने की विदी
इसको करने के लिए आप को आप के हिसाब से ही बैठे जाना है जैसे की ” पदमसँ ” और भी आसान है लईकिन आप को अपने हिसाब से बैठना है , पहले आप को एक मैट जमीने पर बिछा लेना है ये एसि जगह होना चाहिए ,jaise खुला आसमान और एक अच्छी हवा दर जगह फिर आप को आराम अवस्थ में बैठ गए होंगे आप को अपने दये नाक से सॉस को आराम से अंदर खींचना है और साँस को अंदर कुछ टाइम रखने के बाद
आप को अपने बाये नाक से सॉस को आराम से बाहर छोड़ना है ये पर्किर्या आप को शुरुआत में 4-5 बार आप को रोज करना है , उसके बाद आप को धीरे धीरे ये टाइम को बड़ा लेना है आप को अपने हिसाब से ऐसे करे जब आप दये नाक से सॉस को अंदर लेते है तो आप को बाये नाक के छिद्र को अपनी ऊगली से हल्का से बदं कर लेना है
उसके बाद आप को शामे जब आप साँस को बाहर की तरफ लें जाते है तो आप को वही परकीया फिर से करना है छोड़ते टाइम आप को अपने दये नाक के छिद्र को हलके हाथ से बंद कर लेना है इस को आप 5- 15 मिनट तक आराम से कर सकते है
नाड़ी शोदान पढायाम कहते है
इस को नाड़ी सौदान पदयाम इस लिए कहते है कियोकि इस पर्किर्या में आप के दोनों नाक के छिद्र के सफाई हो जाती है इस पर्किर्या में आप को वॉयस ही करना है जैसे आप अनुलोम विलोम करता है
जैसे आप को अपने दये नाक से सॉस को आराम से अंदर लेना होता है और बाये नाक से सॉस को बाहर छोड़ना होता है ये सभी पर्किर्या एक जैसी होती है इस को करने से आप के मन को बहुत सन्ति पर्याप्त होती है ” नाड़ी ” का मतलब सुझं ऊर्जा प्रणाली , “शोदान ” का मतलब सफाई , “पढायाम ” इस का मतलब साँस लेने की पर्किर्या कहते है ।
अनुलोम विलोम के फायदे
बहुत से सरे शोद में पता चला है , की अगर आप रोजाना अनुलोम विलोम योग करते है तो आप के बहुत से सारे भीमारी सही हो जाते है जैसे की ह्रदय रोग गाड़िया रक्त चाप आदि बहुत से बीमारी सही हो जाती है अगर आप अनुलोम विलोम सही डेग से करे तो ,
ये आप के माइंड से लेकर आप के हेल्थ को भी पुरे तरह सही कर देता है बहुत से सरीरक समस्या से बचाव करता है ये अनुलोम विलोम इसे करने से आप के मस्तिस्क में तनाव और चिंता दूर हो जाता है सबसे बड़ा खतरनाक कैंसर तक ठीक हो जाता है , मेमोरी भी बहुत स्ट्रॉन्ग हो जाता है
आप को सर्दी खासी और नाक से जिद्दी कोई समस्या नहीं होती है अगर आप रोजाना करे तो जैसे मौसम बदलता रहत है उससे आप के बॉडी में कोई भी असर नहीं पड़ता है आप का संतुलन बना रहता है , अगर आप के बॉडी में किसी भी प्रकार की कोई भी इंफेक्शन है तो ये अनुलोम विलोम करने से आप के बॉडी में कोई भी इंफेक्शन नहीं रहता है
आगे
1 ब्लड प्रेसर कण्ट्रोल 2 ह्रदय के लिए 3 मस्तिक को सवस्थ करे अनुलोम विलोम
1 ब्लड प्रेसर कण्ट्रोल
में आप को बता दू जिसको ह्रदय रोग से कोई भी परेशानी है तो आप को रोजाना अनुलोम विलोम करना चाहिए कियोकि ये आप के रक्तचाप को काफी हद तक काम करता है जिसको भी रक्तचाप और धमनियों के सुकुड़ने के कारण से होने वाली ह्रदय से जो परेशानी है वो ठीक हो जातिअ है कहा जाता है की जब आप बायीं नाक से सॉस बरते है तो सिस्टोलिक रक्तचाप आप के रक्त को काम कर देता है जब आप दये नक् से सॉस लेते है तो आप के ह्रदय में गति बर्बर हो जाती है
2 ह्रदय के लिए
अगर आप रोजन अनुलोम विलोम करते रहते है तो आप के साँस लेने से साँस के दर के साथ आप के दिल के hart bet भी काम हो जाता है । कहा जाता है की अनुलोम विलोम का रोज करने से आप के ह्रदय का पैरासिम्पैथेटिक तांत्रिक को नियंत्रित लाता है और बाद में आप के बॉडी को भी एआरएम देता है ।
3 मस्तिक को सवस्थ करे अनुलोम विलोम
ये बात तो सच है की अनुलोम विलोम करने से आप के मस्तिस्क को सवस्थ रखता है , जब आप अपनी नक् से सॉस को अंदर लेते है तो है और छोड़ते है तो आप के मस्तिस्क पर बहुत असर पड़ता है कियोकि जब सॉस को अनादर से बाहर लेते है तो ये सॉस आप के मस्तिक तक जाता है जिसे आप मस्तिक एक दम सही हो जाता