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Ayodhya Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir  अयोध्या राम मंदिर

में आप को इस पोस्ट में Ayodhya Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर के बारे में जानकारी देंगे । आप को इस पोस्ट को पूरा पढ़ना चाहिए , जिसमे आप को राम मंदिर के निर्माड के बारे में और राममंदिर के भूमि पूजन किसने किया और कब हुआ । और राम मंदिर के युग के बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में है । करपया आप इस पोस्ट को पूरा पढ़े ।

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर एक हिन्दू धर्म का एक पर्सिद मंदिर है , जो सभी हिन्दू को दिल से यही कल्पना थी की राम मंदिर कब बनेगा । लेकिन अब फाइनल हो गया है । 22 जनवरी 2024 को दिन सोमवार को हुआ था । राम मंदिर का उद्घाटन , वो भी हमरे प्रधानमंत्री मान्य मोदी जी के हाथो से । Ram Mandir भारत के परषिद राज उतर प्रदेश के अयोधया में है । ये भगवान श्री राम जी का जन्म स्थान है ।

जो हिन्दू धर्म के महान भगवान है , जिसका चरित हर भारतीयो को देखना चाहिए । अगर आप उनके चरित को आप अपने लाइफ में उतारते है तो आप की लाइफ एकदम बदल जायेगा ।

में आप को इस पोस्ट में भगवन श्री राम के बारे में पूरी जानकारी दूंगा इस पोस्ट में । Ram Mandir मदिर का निर्माड कब हुआ और उनका समारोह कब हुआ । भूमि पूजन कब हुआ । ये सब जानकारी इस पोस्ट में आप को मिल जायेगा । करपया आप इस पोस्ट को पूरा पढ़े । कियो बना

Ram Mandir का निर्माण Mandir ka nirman

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर का निर्माड और सिलंस 6 नवंबर 1989 को हुआ था । इसका सिलंस कामेशवर चौपाल से सिलंस करवाया गया था , जो बिहार के निवासी थे। जब भूमि पूजन होने का परमिशन मिला तब हिन्दू मिस्लिम में इतना खींचा तानी हुआ । तब जाकर हमारे प्रधान मंत्री ने राम मंदिर के पूजन के लिए हां बोल दिया ।

तब जा कर हिन्दू लोगो को सन्ति मिला । आप को बता दू की Ram Mandir के लिए कितने सालो तक तक हिन्दू लोगो ने लड़ाई लड़ी है , तब जाकर ये मंदिर का निर्माड हो पाया था। इस लड़ाई में लाखो हिन्दू ने अपनी जान गावै है तब जाकर 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन किया गया ।

Ram Mandir समारोह भूमिपूजन Samaroh bumi poja

समारोह भूमिपूजन Samaroh bumi poja

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन का समारोह मंदिर निर्माड आधिकारिक तोर पर 5 अगस्त को आधारशिला के समरोह के बाद फिर से सुरु हुआ । 3 दिवशीय वैदिक अनुस्थानो को आधारशिला के समारोह से पहले आयोजित किया गया था , जो हमारे प्रधानमंत्री के हाथो से किया गया था ।

जो Ram Mandir आधारशिला के रूप में 40 किलो सिल्वर की एटा की स्थापना की गई । जब 4 अगस्त को पूजा किया गया तब सभी देवी देवता को भी निमंत्रण बेजा गया , जितने भी हिंदुस्तान में देवी देवता है , सब को बुलवा बेजा गया था ।

पवित जल को शामिल किया गया ( Pavitr jal ko bhi samil kiya gaya )

जब भूमि पूजा की तेरी चल रही थी , तब हिंदुस्तान के सभी जगह के धार्मिक स्थानों से वह के पवित मिटी और जल को भी शामिल किया गया था ,

जल के रूप में हमरे प्रयागराज के 3 नो नदियों के संगम जैसे – गंगा , सिन्दु , यमुना , सरस्वती के संगम और कावेरी नदी पर तालकावेरी मंदिर आसाम और कई अन्य लोगो में एकता किये गए थे । राम मंदिर को आशीर्वाद देने के लिए हिंदुस्तान के सभी मंदिरो और गुरदारो और जैन मंदिरो से मिटी मगाई गई थी , मंदिर के नीव में डालने के लिए ।

सबसे बड़ी बात तो ये थी की , पाकिस्तान में इस्थित शारदा पीठ के मंदिरो से भी मागै गई थी , हमारे देश के 4 डैम के स्थानों से भी राम मंदिर के नीव में डालने के लिए मिटी मागै गई थी । दुनिया में जितने भी देश थे , जहा भी हिन्दू मंदिर थे , सयुक्त राज अमेरिका , कनाडा और कैरिबियन दीयपो के मंदिरो ने इस अवसर को मैंने के लिए अपना अपना भर और सेवा का आयोजन किया था ।

सभी धर्मो के लोगो को बुलाया ( Sabhi darmo ke logo ko bulaya )

Ram Mandir के नीव डालने के खुसी में टाइम्स स्कायर पर भगवान श्री राम की छवि को भी दिखने की योजना भी बनाई गयी थी । हिंदुस्तान में जितने भी मंदिर थे और अयोधया के पाशा में 7000 मंदिरो में दिप जलाकर उतसव में शामिल होने के लिए कहा गया था ।

जब भूमि पूजा के लिए हमरे प्रदानमंत्री अयोधया के हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी से अनुमति के लिए गए थे । अयोधया में मुस्लिम भक्त जो भगवान श्री राम को अपना पूर्वज मानते है ,

उन सभी लोगो को भूमि पूजा में सब को आमंत्रित किया गया था । और सभी धर्मो के मैंने वाले लोगो को भी इस भूमि पूजा में बुलाया गया था । सभी धर्मो के लोगो को बुलाया

हिन्दू धर्म के बड़े नेता ( Hindu dharm ke bade neta )

हिन्दू धर्म के बड़े नेता मोदी जी , मोहन भगवत , नृत्यगोपाल दास , योगी जी और भी बड़े लोग वह मौजूद थे भूमि पूजन के समरोह में , बाद में Ram Mandir का जमीनी तोड़ और शिलायन्स हुआ , जिसमे योगी , मोहन भगवत ,नृत्यगोपाल दास और हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का भी भाषण हुआ ।

मोदी जी ने जय श्री राम के नाम से भासन की शुरुआत किया , वह पर मौजूद सभी लोगो ने जय श्री नाम की जयकारा लगाया । फिर मोदी जी ने उनलोगो के बारे में भी बताया जीनोने राम मंदिर बनवाने में अपना बलिदान तक भी दे दिया था ,

उनलोगो को भी अपने भाषण में बोलै , मोहन भगवत ने राम मंदिर बनने के आन्दोलन में योगदान के लिए लालकृष्ण आडवाणी को भी दनयवाद दिया । मोदी जी ने पारिजात का पौधा भी लगाया । मोदी जी ने सभी देवताओ के शामे हाथ फलए और पूरी तरह जमीने पर पड़े रहे थे

भूमिपूजन समारोह पर प्रतिक्रियाएँ { Bhumipujan samaroh par Pratikiraya}

Ram Mandir भूमि पूजन में कुछ लोगो की पर्तिकिर्या , हिन्दू धर्म को मैंने वाले लोगो की प्रतिकिया – कुछ पुजारियो और धार्मिक त्रेताओ ने भी शिकायत की समरोह में उचित अनुष्ठान पर्किर्यो का पालन नहीं किया गया ।

बहुत से लोगो ने कहा की 5 अगस्त धार्मिक सुब तिथि नहीं था , और बहुत से चीज़े शामिल नहीं थे , उनोने ये भी कहा की इस समारोह में हवन भी शामिल नहीं था

जितने लोग मोदी जी की आलोचना करने वाले लोग थे वही ये बात कह रहे थे , लोगो ने इस तारिक को भी सही नहीं बताया । लोगो ने कहा की 5 अगस्त एक डर्मिक तिथि नहीं है और न ही सुब तिथि है ।

यहाँ तक की पाकिस्तान ने भी आपत्ति जताई की यहाँ पर राम मंदिर नहीं था , यहाँ पर तो बाबरी मजदित था । और कहा की ये मुसलमानो के साथ अच्छा नहीं हुआ है , और पाकिस्तान ने बहुत साडी आलोचना भी किया

राम मंदिर का युग ( Ram mandir ka yug )

राम मंदिर का युग ( Ram mandir ka yug )

Ram Mandir का युग – 22-23 दिस्मबर 1949 की रात को बाबरी मजदित के अंदर भगवन श्री राम और माता सीता की मूर्ति की स्तापना कर दी गई । और उसके अगले ही दिन हिन्दू के लोग वह एकता होने लगे , फिर 1950 तक राज्य ने सी रपीसी की धरा 145 के तहत मस्जिद पर नियंत्रण करलिया गया । वह पर मुसलमानो को नहीं बल्कि हिन्दुओं को उस स्थान पर पूजा करने की अनुमति दे दिया गया

जब 1980 के टाइम में हिन्दू राष्ट्वादी परिवार , संग परिवार से संबंधित विश्व हिन्दू परिषद् ने हिन्दुओं के लिए इस स्थान को पुनः प्राप्त करने के लिए और भगवन श्री राम और माता सीता को वह पर सम्प्रति एक मदिर बनवाने के लिए आंदोलन सुरु किया । बाद में हिन्दू लोगो ने

वह पर जय श्री राम से लिखी ईंटें और पैसे को एकता करने लगे । फिर उस टाइम के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पूजा करने के लिए अनुमति दे दिया और उस टाइम के गृह मंत्री बूटा सींग ने नेता अशोक सिंगल को अनुमति दे दी ।

लाल कृष्ण आडवाणी जी का योगदान ( Lala Krishan Adawani ji ka Yogdan )

लाल कृष्ण आडवाणी जी का योगदान आप को पता है , जब देश आजाद हुआ तब से लेकर अब तक जब तक मंदिर बना के तैयार नहीं हो गया तब तक आडवाणी जी का योगदान बहुत ही मत्वपूणय था ।

आडवाणी ही थे जीनोने राममंदिर बनवाने के लिए रथ यात्रा निकाली थी , वो राममंदिर बनवाने के लिए सबसे आगे ए थे । आडवाणी जी चाहते थे, की राम मंदिर निर्माड हो , जब आडवाणी जी ने रथ यात्रा निकली थी , तब उनको बहुत से प्रॉब्लम आयी थी । राम मंदिर की रथ यात्रा सोम नाथ से लेकर अयोधया तक का था

, उनका में लझय ये था की सभी हिन्दुओ को मिलाकर अयोधया जाना था , जब उनकी रथ यात्रा बुल्कुल अयोधया पहुंचने वाली थी , बिहार के मुख्य मंत्री ( लालू पार्षद ) ने आडवाणी जी की रथ यात्रा को वही पर रुक वा दी और उनको जेल भी भेज दिया गया । लेकिन

वह राम मंदिर बनवाने की कोसिसि नहीं रुका फिर 1992 को सभी हिन्दू और हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग फिर अयोधाय में एक जुट होने लगे तभी सभी कारसेवक ने मिलकर बाबरी मजदीद को नस्ट कर दिया , जब बाबरी मजदीद को नस्ट करने के लिए लोग जब आगे बड़े तब पहले लोग मजदीद के ऊपर श्री का झंडा को फहराय पाए ।

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FAQs

  1. राम मंदिर का निर्माण कब शुरू हुआ?
    राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ।
  2. राम मंदिर का डिज़ाइन कैसा होगा?
    राम मंदिर का डिज़ाइन त्रिकोणीय आकार का होगा, जिसमें चारों दिशाओं में प्रवेश के लिए द्वार होंगे। इसकी ऊंचाई लगभग 161 फीट होगी।
  3. लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा का क्या महत्व है?
    लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा ने राम मंदिर आंदोलन को देशव्यापी समर्थन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस मुद्दे को भारतीय राजनीति के केंद्र में लाने में मदद की।
  4. राम मंदिर का भूमि पूजन किसने किया?
    भूमि पूजन समारोह 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।
  5. राम मंदिर का निर्माण कब तक पूरा होगा?
    अनुमान है कि राम मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा हो जाएगा।
  6. राम मंदिर आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
    राम मंदिर आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण कराना था।
  7. भूमि पूजन समारोह पर वैश्विक प्रतिक्रिया कैसी रही?
    भूमि पूजन समारोह पर विश्वभर में हिंदू समुदाय ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जबकि कुछ संगठनों ने इसे धर्म और राजनीति का मिश्रण बताया।
  8. राम मंदिर का राजनीतिक महत्व क्या है?
    राम मंदिर का राजनीतिक महत्व इस मुद्दे के माध्यम से भारतीय राजनीति में धर्म और सांस्कृतिक पहचान को प्रमुखता देने में है।
  9. राम मंदिर का युग क्या दर्शाता है?
    राम मंदिर का युग भारतीय संस्कृति और धर्म के पुनरुत्थान का प्रतीक है, जो हिंदू समाज को एकजुट करने का प्रयास करता है।
  10. राम मंदिर का आर्थिक प्रभाव क्या होगा?
    राम मंदिर के निर्माण से अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन और विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
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