![](https://dscbloger.co.in/wp-content/uploads/2024/02/dscbloger.co_.in_-1024x1024.png)
महेंद्र सिंह धोनी की बात करें तो भारत में यह इतना लोकप्रिय है की आप जानतें ही होगें, पिछले एक दशक में जिस क्रिकेटर को भारत सहित पूरी दुनिया में लोकप्रियता और प्यार मिला वो है महेंद्र सिंह धोनी, आज धोनी को कौन नहीं जनता, यह एक शानदार क्रिकेटर है दुनिया में इनका नाम है बहुत अच्छे खिलाडी है। इस पोस्ट में आप ms dhoni bhai से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे।
धोनी का जीवन परिचय Ms Dhoni ka ji jiwan parichay
![](https://dscbloger.co.in/wp-content/uploads/2024/02/1-1024x1024.png)
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई, 1981 को रांची, बिहार (वर्तमान में झारखंड) में हुआ था। वह 2007 से 2017 तक सीमित ओवरों के प्रारूप में और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में भारतीय राष्ट्रीय टीम के कप्तान थे। वह दाएं हाथ के विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं और इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स के वर्तमान कप्तान भी हैं।
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था। धोनी के पिता पान सिंह मेकॉन में जूनियर मैनेजमेंट के पद पर काम करते थे और उनकी मां देवकी देवी गृहिणी हैं।
धोनी ने डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली, रांची में अध्ययन किया जहां उन्होंने बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और जिला और क्लब स्तर की प्रतियोगिताओं में चुने गए।
जब वह स्कूल फुटबॉल टीम में थे तो वह एक गोलकीपर थे। एक बार जब धोनी के फुटबॉल कोच ने उन्हें विकेट कीपर का पद लेने के लिए भेजा, तो उन्होंने अपने विकेटकीपिंग कौशल से सभी को प्रभावित किया और इसके बाद धोनी ने 1995-98 की अवधि के दौरान तीन साल के लिए कमांडो क्रिकेट क्लब टीम में विकेटकीपर के रूप में स्थायी स्थान हासिल किया।
धोनी अपने विकेटकीपिंग काम को अच्छी तरह से करते रहे और आखिरकार 1997-98 की अवधि के दौरान वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर 16 चैम्पियनशिप के लिए चुने गए।
धोनी ने 2001-2003 के दौरान पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में दक्षिण-पूर्व रेलवे के तहत खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट परीक्षक (टीटीई) के रूप में भी काम किया। धोनी के सहयोगी उन्हें एक ईमानदार, सीधे कर्मचारी के रूप में याद करते हैं, जो स्वभाव से थोड़ा शरारती है।
महेंद्र सिंह धोनी का परिवार ( Dhoni Family)
धोनी के पिता पान सिंह मेकॉन (MECON) कंपनी में कार्य किया करते थे और इनकी माता का नाम देवकी देवी है. इनके परिवार का नाता उत्तराखंड राज्य से है. लेकिन इनके पिता अपने कार्य के चलते झारखंड राज्य आकर रहने लग गए थे. जिसके बाद से ये इसी राज्य के निवासी हो गए.
धोनी के परिवार में इनके मां और पिता के अलावा इनकी बहन, भाई, पत्नी और एक बेटी भी है. इनकी बड़ी बहन एक अध्यापिका हैं और बड़े भाई एक राजनेता हैं.
निजी जिंदगी
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म झारखण्ड के रांची में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम पान सिंह व माता श्रीमती देवकी देवी है उनके पैतृ जहां उनके पिताजी श्री पान सिंह मेकोन कंपनी के जूनियर मैनेजमेंट वर्ग में काम करने लगे। मेकॉन लिमिटेड यह कंपनी केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र मे आनेवाली कंपनी है। रांची मे पान सिंह और उनके परिवार को रहने के लिए सरकारी निवासस्थान मिला था। धोनी की माता श्रीमती देवकी देवी एक साधारण गृहिणी थीं। धोनी की एक बहन है जिनका नाम है जयंती और एक भाई है जिनका नाम नरेन्द्र है। धोनी का बडा भाई नरेंद्रसिंह राजनीति में कार्यरत है और उनकी बहन जयंती गुप्ता एक शिक्षिका है। पहले धोनी के बाल लम्बे हुआ करते थे जो अब उन्होंने कटवा दिए हैं कारण वे अपने पसंदीदा बॉलीवुड स्टार जॉन अब्राहम जैसे दिखना चाहते थे। धोनी एडम गिलक्रिस्ट के प्रशंसक है और बचपन से ही उनके आराध्य है उनके क्रिकेट सहयोगी सचिन तेंदुलकर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और गायिका लता मंगेशकर है।
धोनी द ए वी जवाहर विद्यालय मंदिर, श्यामली (वर्त्तमान में जे वी एम , श्यामली, रांची के नाम से जाने जाते है) में पढ़ते थे। धोनी को बैडमिंटन और फुटबॉल इन दोनों खेलों मे विशेष रुचि थी। इंटर-स्कूल प्रतियोगिता में, धोनी ने इन दोनों खेलों में स्कूल का प्रतिनिधित्व किया था जहां उन्होंने बैडमिंटन व फुटबॉल में अपना अच्छा प्रदर्शन दिखाया जिस कारण वे जिला व क्लब लेवल में चुने गए थे। धोनी अपने फुटबॉल टीम के गोलकीपर भी रहे चुके हैं। उन्हें लोकल क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए उनके फुटबॉल कोच ने भेजा था। हालांकि उसने कभी क्रिकेट नहीं खेला था, फ़िर भी धोनी ने अपने विकेट-कीपिंग के कौशल से सबको प्रभावित किया और कमांडो क्रिकेट क्लब के (१९९५—१९९८) में नियमित विकेटकीपर बने। क्रिकेट क्लब में उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें १९९७/९८ सीज़न के वीनू मांकड़ ट्राफी अंडर सिक्सटीन चैंपियनशिप में चुने गए जहां उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। दसवीं कक्षा के बाद ही धोनी ने क्रिकेट की ओर विशेष ध्यान दिया और बाद में वे एक अच्छे क्रिकेटर बनकर उभरे।
महेंद्र सिंह धोनी की क्रिकेट करियर
इन्हे साल 1999 में पहली बार रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला था और यह पहला रणजी ट्रॉफी मैच बिहार राज्य की तरफ से असम क्रिकेट टीम के विरुद्ध खेला गया था. इस मैच की दूसरी पारी में धोनी ने नाबाद 68 रन बनाए थे, जबकि इस ट्रॉफी के इस सत्र में इन्होंने कुल 5 मैचों में 283 रन अपने नाम किए थे. इस ट्रॉफी के बाद धोनी ने अन्य और भी घरेलू मैच खेले थे.
धोनी के बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भी इनका चयन ईस्ट जॉन सेलेक्टर द्वारा नहीं किया गया था. जिसके कारण धोनी ने खेल से दूरी बना ली और साल 2001 में कोलकाता राज्य में रेलवे विभाग में बतौर टिकट कलेक्टर के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया. लेकिन धोनी का मन इस नौकरी में नहीं लगा और इन्होंने तीन साल के अंदर ही इस नौकरी को छोड़ दिया और फिर से अपने क्रिकेट करियर पर ध्यान देना शुरू कर दिया.
साल 2001 में धोनी का चयन दिलीप ट्रॉफी के लिए हो गया, लेकिन धोनी को उनके चयन की जानकारी सही समय पर मिल नहीं पाई. जिसके कारण धोनी इस ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले पाए.
साल 2003 में धोनी को जमशेदपुर में प्रतिभा संसाधन विकास विंग के हुए मैच में खेलते हुए बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार ने देखा था. जिसके बाद उन्होंने धोनी के खेल की जानकारी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी को दी. और इस तरह से धोनी का चयन बिहार अंडर-19 टीम में हो गया था.
धोनी ने साल 2003-2004 के देवधर ट्रॉफी के टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया था और धोनी पूर्वी जोन टीम का हिस्सा थे. देवधर ट्रॉफी का ये सीजन इनकी टीम द्वारा जीता गया था और धोनी ने इस सीजन में कुल 4 मैच खेले थे, जिनमें इन्होंने 244 रन बनाए थे.
साल 2004 में धोनी का चयन ‘इंडिया ए’ टीम में कर लिया गया था. ‘इंडिया ए’ टीम की ओर से धोनी ने अपना पहला मैच बतौर विकेट कीपर के तौर खेलते हुए. जिम्बाबे टीम के विरुद्ध काफी अच्छा प्रदर्शन किया था.
तीन देशों के बीच (केन्या ए, भारत ए और पाकिस्तान ए) हुई श्रृंखला में भी धोनी ने दमदार प्रदर्शन किया और ‘पाकिस्तान ए’ टीम के विरुद्ध खेले गए मैच में अपने अर्ध शतक की मदद से धोनी ने भारतीय टीम को मैच जिताया.
महेंद्र सिंह धोनी बनाए गए रिकॉर्ड
धोनी पहले ऐसे भारतीय विकेटकीपर हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में कुल 4,000 रन बनाए हुए हैं. इनसे पहले किसी भी भारतीय विकेटकीपर ने इतने रन नहीं बनाए थे.
आईसीसी टूर्नामेंट | किस साल जीता कप |
टी-20 वर्ल्ड कप | 2007 |
ओडीआई वर्ल्डकप | 2011 |
चैंपियंस ट्रॉफी | 2013 |
इन्होंने कप्तान के रूप में कुल 331 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और ये पहले ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले हैं.इन्होने इंटरनेशनल मैचों में 204 छक्के मारे हैं जिसके साथ ही सबसे अधिक छक्के मरने वाले कप्तान का खिताब भी अपने नाम किया हैं.कैप्टन के रूप में सबसे अधिक टी 20 मैचों जीतने का कीर्तिमान भी धोनी के नाम ही है.
धोनी को मिले अवार्ड
को साल 2007 में इंडिया गवर्नमेंट ने राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड दिया था जो कि खेल की दुनिया में दिया जाने वाला शीर्ष अवार्ड है.
धोनी को साल 2009 में पद्म श्री अवार्ड और साल 2018 में पद्म भूषण से भी इंडिया की गवर्नमेंट द्वारा नवाजा गया है.
साल 2011 में धोनी को डी मोंटफोर्ट विश्वविद्यालय (De Montfort University) द्वारा मानद डॉक्टरेट की डिग्री दी गई थी. इसके अलावा धोनी ने दो बार आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ दी ईयर, मैन ऑफ दी मैच और मैन ऑफ दी सीरीज अवॉर्ड भी जीत रखे हैं.
F Question
महेंद्र सिंह धोनी ने कितने साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है?
आईपीएल में धोनी ने अब तक कितने शतक बनाए हैं?
महेन्द्र सिह धोनी ने भारतीय टीम के लिए वनडे डेब्यू कब किया?
महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच कब खेला था?
महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में कितनी बार चैंपियन ट्रॉफी भारत को जताई है?