* डॉ मनमोहन सिंह का परिचय
* जन्म
* प्रारम्भिक जीवन
* करियर
* पारिवारिक और वक्तिगत जीवन *
*राजनैतिक जीवन
* प्रधान मंत्री *
* संस्कीरति
* डिग्री और पद
* पुरस्कार और सामान
* विवाद और घोटाले
डॉ मनमोहन सिंह का जीवन परिचय
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डॉ मनमोहन सिंह ( प्रधानमत्री भारत ) का जन्म ” गाह ” के गांव में हुआ था , जो अब पाकिस्तान में है , पाकिस्तान के ” पंजाब ” में हुआ था , 26 सितम्बर 1932 में हुआ था । मनमोहन सिंह के ” माता ” का नाम अमृत कोर और उनके पिता का नाम गुरुमुख था । जब इंडिया पाकिस्तान का बटवारा हुआ था , तब डॉ मनमोहन सिंह के परिवार पाकिस्तान छोड़ कर अपने देश ” इंडिया ” चले आये थे उनके सरे परिवार वाले । अपने प्रदानमंत्री जी एक अच्छे आदमी के साथ साथ एक अच्छे विद्वान वेक्ति भी थे और अर्थशास्ति भी थे । और एक अच्छे राजनेता भी थे , मनमोहन सिंह का विवाह एक अच्छी लड़की के साथ हुआ था , उनकी पत्नी का नाम “गुरुशरण ” कोर था । डॉ मनमोहन सिंह की 3 बेतिया थी , मनमोहन सिंह जी बहुत ही बुदिमान थे जब वे राजनैतिक में आये तो उनको पहले जो पद मिले उनको उनोने बहुत ही अच्छे से निभाया और एक अच्छे कुसल राजनैतिक बन गए । हमारे प्रधानमंत्री 2 बार प्रधानमत्री बने रहे थे , उनका पहला कार्यकाल 2004 से लेकर 2014 तक था वे एक अच्छे प्रधानमत्री के रुप्प में बारे है , कोई भी लोग उनकी जगह नहीं ले पायेगा , जब डॉ मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री बने तब देश के अच्छे हालत नहीं थे , तब मनमोहन सिंह जी ने अपनी सोच के बल बुते देश को एक नई भारत बनाया ।
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान में 26 सितम्बर 1932 को हुआ था , गाह नामक गांव में हुआ था , लेकिन अब गाह पाकिस्तना हुआ था । लेकिन जब इंडिया पाकिस्तान का युद्द हुआ था तब वे और उनके परिवार वाले पाकिस्तान से इंडिया में चले ए थे ।
पारभिक जीवन और पढाई
डॉ मनमोहन सिंह का पारभिक जीवन बहुत ही मुस्किलो में गुजरा था , उनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को पंजाब के गाह में हुआ था , उनका जन्म सिख परिवार में हुआ था । उनके पिता गुरुमुख , और उनकी माता अमरत कोर के यहाँ हुआ था , जब डॉ मनमोहन सिंह छोटे थे , तभी उनकी माता का देहांत हो गया था , तब उनका ललन पोसना उनकी नानी ने किया था , सुरु में वे बहुत ही गरीब थे , उनकी सिझा ज्यादा से ज्यादा उर्दू में हुआ था , लेकिन उनकी मात्र भाषा पंजाबी थी । जब वे प्रधानमंती बने तब भी वे बसन उर्दू में ही देते थे जब इंडिया पाकिस्तान का विभाजन हुआ तब वे पाकिस्तान से इंडिया आ गए थे , तब वे अमरत्सर में आ गए थे वही उनोने अपने सिझा को आगे बढ़ाया , वे अमृतसर के पंजाब विश्वविदेल और होशियार पुर , पंजाब में अथर्सटर की डिग्री ली । 1952-1954 में स्नातक मास्टर डिग्री भी ली वह पर वे प्रथम स्थान पर आ गए थे ।1957 में कैम्ब्रिज विस् विदयाल में अपना अथर्सटर टिपोस पूरा किया । वह सेंत जांस कोलोसे के सदय बह थे ।
करियर (डॉ मनमोहन सिंह )
जब डॉ मनमोहन ने साडी सिझा हो गया तब उनके जीवन का करियर जब मनमोहन सिंह पहली बार राजनैतिक में आइये तो वो पहली बार वित् मंत्रालय में सलाहकार के रूप 1976 में वट मंत्रालय में सचिव थे । 1980-1982 में वे योजना आयोग में थे, और 1982 में तत्कालीन वित्य मंत्री प्रणब मुखर्जी के अधीन भारतीय रिजव बैंक के गवनर नियुक किये गए । उसके बाद वे योजना आयोग में भी अपना कारकाल किया था , फिर 1987-se नवंबर 1990 तक सिवजलेंड के जिनेवा में मुखयलय वाले एक सवतंत्र आर्थिक निति ठीक टैंक साऊथ कमिसिन के महासचिव थे । फिर मनमोहन सिंह जी 1990 में जिनेवा से भारत लोटे और चंद्र शेखर के मामले के कारकाल के दौरान आर्थिक मामलों पर भारत के प्रधान मानती के सलाहकार के पद को संभाला ।
पारिवारिक और वक्तिगत जीवन
डॉ मनमोहन सिंह का पारिवारिक जीवन और व्यकितगत जीवन , मनमोहन सिंह की शादी गुरशरण जी के साथ हुआ 1958 में और उनकी 3 बेतिया हुई , उपिंदर सिंह , दमन सिंह , और अमृत सिंह थे । उनकी बेटियों ने उनका बहुत ही नाम रोशन किया था , उनकी पहली बेटी अशोक विश्विधायल में इतिहास के प्रोफ़ेसर के रूप में नियुक हुई । और उनोने बहुत सी किताबे लिखी , और उनकी दूसरी बेटी सेंत स्टीफन कॉलेज दिली और ग्रामीण प्रबधन सस्था के पद के लिए नियुक किया । और उनकी तीसरी बेटी अमृत सिंह अमेरिका सिविल लिबटीज में एक स्टाप वकील है । मनमोहन सिंह का व्यकितगत जीवन कुछ खास नहीं था । जब वे परधानमंत्री बने तब लोगो ने कहा की हमरे प्रधानमंत्री ज्यादा बाटे नहीं करते ।
राजनैतिक जीवन
मनमोहन सिंह का राजनैतिक जीवन जब जून 1991 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंती पीवी नर सिंह रॉ थे , तब प्रधानमंती ने अपने विचारको को कहा की , हम मनमोहन सिंह जी को अपने वित् मंत्री चुना । जब डॉ मनमोहन सिंह ने 2005 में ब्रिटिश पत्रकार मार्क तुली से कहा ” डॉ मनमोहन सिंह जब अपना मंत्रिमंडल बना रहे थे तब उनोने अपने प्रधान सजीव को मेरे पाश यह कह कर बेजा की प्रधानमंत्री चाहते है की , आप भारत के वित् मंत्री बने , तब डॉ मनमोहन सिंह ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया , लेकिन भारत के मंत्री मंडल के लोगो ने उनको ढूढ निकला । फिर वे मान गए और राष्ट्पति बावन जाकर सप्त ग्रहण किया । तब वे भारत के वित् मंत्री बनगे ।
प्रधान मंत्री
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डॉ मनमोहन सिंह को भारत के 11 व् राटरपति डॉ Apj अब्दुल कलाम साहेब ने 19 मई 2004 को नई दिल्ली में मनीय प्रदानमंत्री मनमोहन सिंह जी को सरकार बनाने के लिए बोल दिया । जब सोनिया गाँधी के पार्टी कांग्रेस ने आम चुनाव क्व बाद भारतीय रास्टीय कांग्रेस लोकसभा में सबसे ज्यादा सीट लेकर अपनी सरकार बनाने के दावे करने लगी , उस टाइम मौजूद सरकार रास्टीय जन्त्तिका गठबन्दन ( nda) का कारकाल समाम्प्त कर दिया । जब कांग्रेस पार्टी देश में ज्यादा सीट लेकर आयी तब उनके पास कोई भी प्रधानमंत्री का कोई भी उमीदवार नहीं था , तभी अचानक सोनियागांधी ने मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री के उमीदवार के रूप में लाकर खड़ा कर दिया । ये प्रस्ताव डॉ मनमोहन सिंह ने सिव्कर कर लिया । तब जाकर 22 मई 2004 को डॉ मनमोहन सिंह ने भारत के प्रधानमंती के रूप में सप्त ग्रहण किया ।
संस्कीरति
डॉ मनमोहन सिंह जी एक पंजाबी परिवार से बिलोग करते है , और उनकी संस्कृत पंजाबी है , वे पंजाबी तोर तरीके से उनका ललन पाषंड हुआ था , वे एक नार्मल परिवार से आते है , सुरु में उनका परिवार बहुत ही गरीब था ।
डिग्री और पद
डॉ मनमोहन सिंह जी को मिले परोसकर और सम्मान जब वे पढाई कर रहे थे तब उनको मिले पुरस्कार B A ( होनेर ) में 1952 में मिला प्रुस्कार और पंजाब विश्विधायल में मिला 1954 में पुरस्कार मिला । आर्थिक सलाहकार , विदेश व्यापर मंत्रालय , भारत सरकार दवारा मिला पुरूस्कार ( 1971-1972 ) मुख्य आर्थिक सलाहकार , वित्य मंत्रालय , भारत सरकार दवारा मला पुरुस्कार ( 1972-1976 ) निर्देशक पुरस्कार भारतीय रिजव बैंक के दवारा ( 1976-1980 ) भारतीय योजना आयोग ( 1985-1987 ) में मिला पुरस्कार आर्थिक मामलो में मला प्रुस्कार ( भारत के प्रधानमंती ) 1990-1991 भारत के वित्य मंत्री के रूप में (1991-1996 ) राज सभा में संसद के सदस्य के रूप में मिला पुरुस्कार ( 1991-2019 ) भारत के प्रधानमंती के रूप में मिला पुरुस्कार ( 2004-2014 तक ) और भी बहुत से पुरुस्कार मिले थे डॉ मनमोहन सिंह जी को ।
विवाद और घोटाले
मनमोहन सिंह जी के ऊपर भी बहुत से घोटाले के बहुत से आरोप लगे है , जैसे 2 G घोटाले लोगो का कहना है , की सबसे बड़े घोटालो में से एक है 2 G घोटाले उस टाइम 176000 का घोटाला हुआ था । तब विपछ के दबाव क्व कारण मनमोहन सिंह के संचार मंत्री राजा को केवल अपने पद से इस्थिपा देना पड़ा और उनको झेल भी जाना पड़ा । इतने बड़े घोटाले होने के बाद भी हमारे प्रधानमंत्री के झुप होने के कारण उनके ऊपर बहुत से सवाल उठाये गए थे , उनके न बोलने की वजह से उनको एक पतिका के वजह से उनको कटघरे में खड़ा भी किया गया था ।